डिप्रेशन क्या होता है ?डिप्रेशन एक मानसिक अवस्था है ।अगर इसे बीमारी के रूप मे ना देखे तो ये एक जबरदस्त मानसिक ठहराव है जंहा व्यक्ती मानसिक रूप से कमजोर हो जाता है बार बार मिलती असफलता se डर कर निर्णय ना लेने की स्थिति या फिर confusion।धीरे-धीरे अपने काम से दूर होते जाना आत्मविश्वास खो देना अपनेआप में खोए रहना दोस्तों रिश्तेदारों से दूर होते जाना खुद को अकेला कर लेना । खुद को बिन उपयोगी समझना और फिर जिंदगी जीने की चाह खत्म हो जाना ये डिप्रेशन का सबसे खतरनाक दोर होता है यहां से अगर बीमार व्यक्ती को बाहर नहीं निकाला तो वो अपनी जान भी दे सकता है। एक कहावत है मन से हारे हार मन से जीते जीत इंसान अगर शारीरिक रूप से बीमार है पर मन से तंदुरुस्त है तो वो अपनी मंजिल तक पहुंच जाता है पर मन से कमजोर है तो उसकी शारीरिक शक्ति कोई मायने नहीं रखती ।डिप्रेशन की वज़हडिप्रेशन की काफी वज़ह हो सकती है या कोई व्यक्ति में ये उनके स्वभाव की प्रकृति होती है जो वो बार बार छोटी-छोटी बातों को दिल पे लगा लेता हैं और उदास हो जाता है कुछ दिनों बाद खुद ठीक भी हो जाता है…पर कोई केस में इंसान कोई ख़ास वजहों में खुद को सम्भल नहीं पाता और गहरे डिप्रेशन में चला जाता है। जैसे कि
प्यार में धोखा
बार बार मिलती नाकामयाबी
रोजी रोटी नहीं मिलना
बिजनेस में भारी नुकसान
ना ठीक होनेवाली बीमारी
शरीर के रंग रूप को नुकसान होना
शारीरिक कमी
सामाजिक बदनामी
तलाक
शादी के लंबे अर्से बाद भी बच्चे ना होना या अपने बच्चे को खो देना
डिप्रेशन और ज्योतिष का सम्बंधजब हम शारीरिक या मानसिक तोर पर बीमार होते है तो डॉक्टर के पास जा के इलाज करवाते है डॉक्टर बीमारी के वज़ह ढूंढकर उसके उपचार बताते है बिल्कुल इसी तरह ज्योतिष शास्त्र में भी एक शाखा है जिसे मेडिकल astrology कहते है इसमे बिल्कुल मेडिकल क्षेत्र की तरह कोई भी शारीरिक मानसिक बीमारियों की वज़ह कुंडली के ग्रह और दशा जानकर उसका उपचार किया जा सकता है।आज हम ये देखेंगे कि कुंडली में ऐसे कौन से योग ग्रह और दशा है जो व्यक्ति को डिप्रेशन जैसी बीमारी देता है?कुंडली के डिप्रेशन के ज्योतिष योगकुंडली का पहला भाव इंसान के मस्तिष्क को दर्शाता है और चण्द्रमा मानसिक स्थिति और भावना का प्रतिनिधित्व कर्ता है बुध ग्रह इंसान की बौधिक स्थिति दर्शाता है ।राहु, शनि ,केतु ये पापग्रह अगर चंद्रमा बुध और पहले घर के साथ कीसी तरह का सम्बंध बनाए जैसे कि युति या दृष्टि सम्बंध शनि ग्रह का पहले घर मे नीच होना चंद्र का नवमांश या जन्मकुंडली में नीच होना या इस तरह के योगों का होना बुध का तुला राशि में होना चंद्र का 6 8 12 वे घरों में स्थित होना इस तरह के कई योग होते है जो इंसान को कुंडली में इन्हीं बुरे ग्रहो की दशा के दौरान या 6 ,8, 12 मे से कोई भाव के स्वामी की दशा या साथ मे साढ़ेसाती या ढैया मे इंसान मुश्किलों से घिर जाता है और वो डिप्रेशन का शिकार हो जाता है।डिप्रेशन के ज्योतिष उपायमेडिकल उपचार के साथ-साथ अगर ज्योतिष के उपाय भी आजमाये जाए तो व्यक्ती बहोत जल्दी इस मानसिक बीमारी से बाहर आ सकता है क्योंकि हमारे भारतीय वैदिक मंत्रों और उपायों में ग़ज़ब की ताकत होती हैं और इसमे गहरा तर्क भी होता हैं जैसे आप ॐ शब्द को ही ले लीजिए ये एक ऐसा शब्द है जो ब्रम्हांड में घूमता है और हर एक हिन्दू मंत्र की शुरुआत ॐ से ही होती है ॐ के उच्चारण से कई शारीरिक और मानसिक बीमारियां दूर होती है। हिन्दू धर्म और ज्योतिष में दान का भी खूब महत्व है। तो इसी तरह के काफी उपाय है जो करने से जीवन की बड़ी बड़ी समस्या को हल किया जा सकता हैडिप्रेशन से बचने या बाहर आने के वैदिक ज्योतिष के उपाय:
कमजोर चंद्रमा को मजबूत बनाए
चांदी के बर्तन में जल या दूध पीना
परिवार के साथ समय बिताए और कोई दुख या तकलीफ हो तो अपने मन की बात शेयर करें
नकारात्मक लोगों से दूर रहे
कोई भी व्यसन से दूर रहे
कॉमेडी फिल्म बाते या जोक्स सुने
मंगलवार और शनिवार के दिन नाखुन ना काटे
ॐ hrim सूर्याय નમઃ मंत्र का रोज 108 जाप करें
कुदरत से भरपूर जगह पर जा के सेर करे
बांसुरी वादन सुने
10 karat वजन का moon stone रत्न दाहिनी उंगली में चांदी में धारण करें
प्राणयाम और शीर्षासन करे
गुलाब की अगरबत्ती घर में जलाये
गुलाब का इत्र शरीर पर लगाये
कम से कम 45 मिनट खुली हवा में चले
दूध दही शक्कर चावल सफेद कपड़े का दान करें
अपनी माँ से चांदी की चैन लेकर सोमवार के दिन गले में डाले उनके पैर छूकर उनके आशीर्वाद लीजिए